करनाल जिले के सदर क्षेत्र में उपलों से भरी सडकों के बीच एक बडे़ अहाते वाली इमारत घर जैसी थी। वहां बच्चों की धमाचौकडी़ के बीच लड़के सिलाई करते दिखे और लड़कियां अपने कामों में व्यस्त। यह फैक्टरी नहीं थी और न ही किसी बडे परिवार का अहाता ही। वह एमडीडी अनाथाश्रम था जहां भूले-भटके, बेठिकाना बच्चे पनाह पाते हैं।
'लाओ-दे दो---छिपाओ नहीं। मैं जानती हूं तुम लाये हो और उसने भेजा है।' यह कहते हुये एक 15 वर्षीय लड़की ने संवाददाता का बैग छीन लिया। अजनबी के साथ की गयी हरकत को देख छोटे बच्चे हंसने लगे और थोडे बडे़ बच्चे संजीदा हो गये। संचालक पी आर नाथ बैग सुरक्षित वापस ले आये और कहा कि मुमताज, बदला हुआ नाम के इस व्यवहार के लिये माफी चाहूंगा। जब भी कोई नया आदमी आता है वह उसके साथ इसी तरह करती है। बच्चा मांगती है। नाथ ने बताया कि मुमताज को पुलिस छह महीने पहले सौंप गयी थी। मुमताज की शादी सोनीपत में किसी शुक्ला से हुई। शादी होने के लगभग सालभर बाद एक रात वह बच्चा लेकर भाग गया। वहां मुमताज शुक्ला के साथ बतौर पत्नी किराये के मकान में रहती थी।
मुमताज से पता चला कि वह असल के सुपली जिला के पानपरी गांव के वाशिंदा मजीद की लड़की है। उसे नहीं पता कि उसे कब और क्यों लाया गया। इतना मालूम है कि जिस अपरिचित के साथ आयी उसने अब्बा को कुछ रूपये दिये और अम्मी उसका पल्ला नहीं छोड रही थी। शायद अम्मी जानती रही हो कि बेटी कहां जा रही है।
आश्रम में कुल चार नाबालिग लड़कियां हैं, जिसमें से एक गर्भवती है। ठीक से बातचीत करने की स्थिति में मात्र 11 वर्षीय रेखा ही थी। मध्य प्रदेश के रतलाम स्टेशन पर छोडकर वह व्यक्ति चला गया जो रेखा को मामा के घर ले जा रहा था। रेखा एक बुजुर्ग व्यक्ति के हाथ लगी जिसके चलते अभी वह आम लड़कियों जैसी हालत में है। रेखा गांव जाना चाहती है। वह हाथ जोड़ती हुई कहती है 'मुझे रतनाम ले चलो।' रेखा की त्रासदी यह है कि घर का पता भूल गयी है। लेकिन खडगिया की गुंजनियां घर जाने के नाम पर रोनी सूरत बना लेती है। संचालक ने बताया कि जब यह आश्रम में तीन महीने पहले आयी थी तो इसकी हालत बेहद खराब थी। गुंजनियां भी अर्द्धविक्षिप्त जैसी है और उसे बच्चों से बेहद लगाव है। मानो उसका भी बच्चा किसी ने छीन लिया हो। महिला वार्डन के सामने अकेले में की गयी बातचीत के दौरान गुंजनियां ने इशारे में बताया कि सात लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया। उसे याद है कि पहली बार उसका बलात्कार बिहार के खडगिया जिले के एक चौराहे पर ठहरने के दौरान दलाल ने किया था। फिर दिल्ली आयी तो हरियाणा के करनाल जिले केकिसी गांव में पत्नी के रूप में रही। भाषायी समस्या के चलते उस व्यक्ति का नाम भी नहीं जानती कि किसके साथ शादी हुई थी।
अजय प्रकाश
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