गुरुवार, 29 जून 2023

हम दीवानों की क्या हस्ती......

हम दीवानों की क्‍या हस्‍ती 

हैं आज यहां कल वहां चले
मस्‍ती का आलम साथ चला

हम धूल उड़ाते जहां चले...।

 

 

आए बनकर उल्‍लास अभी

आंसू बनकर बह चले अभी

सब कहते ही रह गए , अरे

तुम कैसे आए कहां चल...।

 

 

किस ओर चले यह मत पूछो

चलना है बस इसलिए चले

जग से उसका कुछ लिए चले

जग को अपना  कुछ दिए चले.....। 




भवानी प्रसाद मिश्र