आदमी ने उसे घर दिया...
रहने के लिए...
रसोई दी....
खाना पकाने के लिए...
गुसलखाना दिया
नहाने के लिए....
छत दी...
केशों को सुखाने के लिए...
सोने का कमरा दिया
बिस्तर दिया
बच्चे दिए....
बिना उससे पूछे..
जि़न्दगी दी...
जीने के लिए....
सब कुछ
बिना उससे पूछे....
बिना यह जाने
कि
वह क्या चाहती है...
कैसे चाहती है...
रहना चाहती है...
उड़ना चाहती है...
या
सोना चाहती है....
जीना चाहती है..
या
मर जाना चाहती है.....।
अनुजा
31.01.14
रहने के लिए...
रसोई दी....
खाना पकाने के लिए...
गुसलखाना दिया
नहाने के लिए....
छत दी...
केशों को सुखाने के लिए...
सोने का कमरा दिया
बिस्तर दिया
बच्चे दिए....
बिना उससे पूछे..
जि़न्दगी दी...
जीने के लिए....
सब कुछ
बिना उससे पूछे....
बिना यह जाने
कि
वह क्या चाहती है...
कैसे चाहती है...
रहना चाहती है...
उड़ना चाहती है...
या
सोना चाहती है....
जीना चाहती है..
या
मर जाना चाहती है.....।
अनुजा
31.01.14
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