तू नहीं तो तेरा ख़्याल सही
दिल को थोड़ा तो हो मलाल सही।
उसको जिसकी तलाश थी कब से
है तू ही तो वो बेमिसाल नहीं।
इतने बरसों कहां रहा वो गुम
पूछना है उसे सवाल यही।
कैसे ढूंढेगा वो पता मेरा
देखना है मुझे कमाल यही।
तड़पने दो ज़रा उसे भी कभी
वो भी जाने मेरा जमाल सही ।
तुझको अपनी ख़बर नहीं है ग़र
मुझको भी है मेरा ख़्याल नहीं।
जो न लफ़्जों में सिमट पाएगा
आसमां पर उड़ा गुलाल वही।
अनुजा
29.12.1996
दिल को थोड़ा तो हो मलाल सही।
उसको जिसकी तलाश थी कब से
है तू ही तो वो बेमिसाल नहीं।
इतने बरसों कहां रहा वो गुम
पूछना है उसे सवाल यही।
कैसे ढूंढेगा वो पता मेरा
देखना है मुझे कमाल यही।
तड़पने दो ज़रा उसे भी कभी
वो भी जाने मेरा जमाल सही ।
तुझको अपनी ख़बर नहीं है ग़र
मुझको भी है मेरा ख़्याल नहीं।
जो न लफ़्जों में सिमट पाएगा
आसमां पर उड़ा गुलाल वही।
अनुजा
29.12.1996