अग्निगर्भाअमृता
विचारयुक्त ज्ञात से विचारशून्य अज्ञात की ओर...
सोमवार, 10 मार्च 2014
औरत...
सारी दुनिया को
अपनी गोद में छिपाए...
रत्नगर्भा के हिस्से में
नहीं है
कोई अपना आलोक....
अनुजा
03.05.1998
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