अग्निगर्भाअमृता
विचारयुक्त ज्ञात से विचारशून्य अज्ञात की ओर...
सोमवार, 10 मार्च 2014
आधी दुनिया...
जब पूरी दुनिया को बांटे जा रहे थे
चांद ...
सूरज...
सितारे...
पहाड़...
नदियां...
समुद्र...
दरख़्त...
आकाश...
रंग...
झरने...
तब भी ढूंढ रही थी आधी दुनिया
अपने अंधेरे उजाले....
अनुजा
03.05.1998
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