अग्निगर्भाअमृता
विचारयुक्त ज्ञात से विचारशून्य अज्ञात की ओर...
गुरुवार, 3 अक्तूबर 2013
तुम्हारे बाद...2
शाम
आज फिर उदास हो गयी है......
तुम्हारे
जाने के बाद सन्नाटे ने समेट लिया है
अपनी बाहों में मुझे......!
27.05.06
अनुजा
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