बुधवार, 11 जनवरी 2012


जब
खुद को भगतसिंह
का अनुयायी मानने वाले

सोने लगें
पलकों की छांव में....
छुपने लगें
ज़ुल्फों के घेरे में....
ढूंढने लगें
मोहब्बत की गोद.....

तब
सही ही है भगत
तुम्हें सिर्फ एक
याद
करार देना

और
तुम्हें भूल जाना.....
याद करना
23 मार्च के .......!

अनुजा
Friday, April 1, 2011

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