न.....।
बीते दिनों से लौटने को मत कहो.....
उनकी यादों को संजो लो....
समय ने बहुत सी सीपियां....
सीपियों में मोती
तुम्हारे लिये छुपा रखे हैं....
अपनी हथेलियों में.....
उन्हें खोजो.....
समेटने को हथेलियां खोल दो.....।
अनुजा....
12.01.14
बीते दिनों से लौटने को मत कहो.....
उनकी यादों को संजो लो....
समय ने बहुत सी सीपियां....
सीपियों में मोती
तुम्हारे लिये छुपा रखे हैं....
अपनी हथेलियों में.....
उन्हें खोजो.....
समेटने को हथेलियां खोल दो.....।
अनुजा....
12.01.14
शुक्रिया यशवन्त जी....।
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