अर्चना, नन्दिनी, जया और उन जैसी तमाम साथियों के लिए....
जिनके जज़्बे और साहस को सलाम करता है अासमान...
तुम्हारे ही लिए मेरी साथी....
उफ... !
लड़की ने छू लिया अासमान....
अब क्या होगा.... !!!!!!
उफ...
ये क्या किया तूने ऐ लड़की...
बना ली अपनी छोटी सी दुनिया...
वैसे ही
जैसे तू चाहती थी....।
उफ....
ये क्या किया तूने ऐ लड़की....
तय कर लिए रास्ते...
अपने पांवों पर...
बिना किसी सहारे के....
पार कर लिए सागर
अकेले ही...
नाप लीं ब्रम्हांड की दूरिया...
चौंका दिया हमको...
तू आधी से पूरी बन गयी...
उफ....
ये क्या किया तूने ऐ लड़की....
छू लिया आकाश...
बन गयी चिडि़या....
उड़ चली नीले आसमान में...
भर ली पंखों में ढेर सी हवा....
नाप लिया सारा अाकाश....
उफ....
अच्छा किया तूने ऐ लड़की....
छू लिया अपना आकाश....
बना ली अपनी दुनिया...
रच लिया अपना संसार...
सुदूर कोने में...
नीले पहाड़ों के बीच...
जहां लहराते हैं झरने....
खिलखिलाता है मौसम....
आते हैं ज़लज़ले....
भेदते हुए हर दीवार....
जीतते हुए हर तूफ़ान...
तूने सजा ली एक छोटी सी दुनिया...
एक बड़े से काम के लिए....
सलाम है तुझे ऐ लड़की.....।
-अनुजा
08.03.2015
जिनके जज़्बे और साहस को सलाम करता है अासमान...
तुम्हारे ही लिए मेरी साथी....
उफ... !
लड़की ने छू लिया अासमान....
अब क्या होगा.... !!!!!!
उफ...
ये क्या किया तूने ऐ लड़की...
बना ली अपनी छोटी सी दुनिया...
वैसे ही
जैसे तू चाहती थी....।
उफ....
ये क्या किया तूने ऐ लड़की....
तय कर लिए रास्ते...
अपने पांवों पर...
बिना किसी सहारे के....
पार कर लिए सागर
अकेले ही...
नाप लीं ब्रम्हांड की दूरिया...
चौंका दिया हमको...
तू आधी से पूरी बन गयी...
उफ....
ये क्या किया तूने ऐ लड़की....
छू लिया आकाश...
बन गयी चिडि़या....
उड़ चली नीले आसमान में...
भर ली पंखों में ढेर सी हवा....
नाप लिया सारा अाकाश....
उफ....
अच्छा किया तूने ऐ लड़की....
छू लिया अपना आकाश....
बना ली अपनी दुनिया...
रच लिया अपना संसार...
सुदूर कोने में...
नीले पहाड़ों के बीच...
जहां लहराते हैं झरने....
खिलखिलाता है मौसम....
आते हैं ज़लज़ले....
भेदते हुए हर दीवार....
जीतते हुए हर तूफ़ान...
तूने सजा ली एक छोटी सी दुनिया...
एक बड़े से काम के लिए....
सलाम है तुझे ऐ लड़की.....।
-अनुजा
08.03.2015
बहुत सारगर्भित प्रस्तुति...बहुत सुन्दर..
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