अग्निगर्भाअमृता
विचारयुक्त ज्ञात से विचारशून्य अज्ञात की ओर...
बुधवार, 17 फ़रवरी 2016
मौसम हुआ अमलताश.....
सुलगती दोपहरों में....
सोने की चमक....
के साथ...
नीले धुले आसमान की छाती पर
खिल उठा मौसम.....
अमलताश.....अमलताश....
लो, फिर आ गया वसंत.....
अनुजा
10.05.14
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